दोस्तों आजकल सोशल मिडिया पर इस बारे में तो बहुत जानकारी मिलती हैं कि आप अपना करियर लेखन के क्षेत्र में बना सकते हैं नाम और पैसा कमा सकते हैं इस बारे में कई साइटो के बारे में बहुत से लोग जानकारी देते हैं के आप कहां और कैसे एप्लाई करें... लेकिन बात वहीं अधूरी रहती हैं कि एक नया अंकुरित लेखक कहानी कैसे लिखें उसे कैसे मार्गदर्शन मिले इस बारे में जानकारियां बहुत ही कम ही मिलती हैं तो चलिए मैं आपको बातों बातों में कहानी कैसे लिखी जाती हैं उसके बारे में आपको बतलाऊंगा... तो चलिए शुरू करते हैं......
साथियों आज मैं पहले अपने स्वयं के बारे में जानकारी दें दू... मुझे बचपन से ही लिखने का शौक था मैं अक्सर जो भी देखता या सोचता था उसको विजुलाईस जरूर करता था जिसके चलते मेरे अंदर लिखने और दृश्य को समझने की क्षमता बढ़ने लगी.. इसी के चलते मैंने मुंबई में धक्के खाए और कई नामी लेखकों की सगीरदगी की...मेरी को राइटर के रूप में लाल दुपट्टा मलमल का, जीना तेरी गली में, चाहत, वेबफा सनम जैसी फिल्मों में योगदान का मौका मिला जिसके चलते चलते टीवी सीरियल शांति, चाणक्य, शिवमहापुराण, फ़िल्मी चक्कर, तहक़ीक़त, विवाह, भाभी जैसे सीरियलों में लेखन और निर्देशन का काम किया जबकि मेरा बेकग्राउंड फ़िल्मी ही था लेकिन फिर भी मुझे सीखने के लिए स्ट्रगल करना ही पड़ा... और देखते देखते फ़िल्म इंडस्ट्री में 18 साल बिता दिए...
तो मित्रों हम बात स्क्रिप्ट लेखन की कर रहें थे.. तो सबसे पहले तो ये कि हमारे पास कहानी का होना बहुत जरूरी हैं... आप कहानी कैसी भी लें सकते हैं जैसे पारिवारिक, लव स्टोरी या कोई भी लेकिन कहानी में रोचक ता होना बहुत ज़रूरी हैं यदि कहानी सब्जेक्ट के हिसाब से रोचक नहीं होंगी तो दर्शकों को लुभाएगी नहीं... इसीलिए कहानी बेहद रुचिकर होनी चाहिए.. हां बात कहानी की से याद आया मैं जब जीना तेरी गली फ़िल्म की सिटिंग में बैठा करते थे जहां संगीतकार की मंडली भी जमा होती थी रोज फ़िल्म के गानों पर रिहलसल हुआ करती थी उस म्युज़िक मण्डली में एक रोहन गिटारिस्ट आया करते थेजिनका नाम रोहन था जिन्हे आंखो से दिखता नहीं था उनकी और मेरी काफ़ी बनती थी हम अपनी परसनल बातें तक हम आपस में शेयर किया करते थे.. एक दिन मैंने उनसे एक अच्छे डॉ. के बारे में उनकी आंखो को लेकर बात की तब उन्होंने बताया कि उनकी आंखों की रौशनी अब दोबारा कभी भी वापस नहीं आ सकती हैं और फिर ज़िक्र ही ज़िक्र में उनकी आंखों की रौशनी के जाने के कारण का पता चला तो मैं अंदर तक हिल गया और अपविती सुन कर शॉक्ड रह गया..उनकी अपविती ने मुझे बेचैन कर दिया सोते जागते खाते पीते बस उनके साथ हुई घटना मेरे दिलों दिमाग़ में बसने लगी थी... और धीरे धीरे उस घटना ने एक मार्मिक कहानी का रूप धारण कर लिया था जिसे मैंने कड़ी दर कड़ी पिरो कर अपने पास सुरक्षित कर ली थी..
कहानियां हमारे इर्द गिर्द ही होती हैं हमें उन्हें कैच करना और उस पर हर पहलू पर सोचना आना चाहिए...
एक लेखक को एवजोर्वेसन करना और पढ़ने की अपनी छमता को विकसित करना चाहिए हमारे आस पास कई लोग हैं जिनका बोलचाल रहसन आम लोगों से अलग होता हैं वहीं लोग एक लेखक के लिए उसकी किसी भी उसकी कहानी के पात्र भी हों सकता हैं... साथ ही हमें पढना इसलिए जरूरी हैं कि हमें हिंदी उर्दू और इंग्लिश के शब्दों के बारे में जानकारी मिले पढ़ने की जिज्ञासा से मिलने वाले कुछ नए शब्द हमारे अंदर विकसित होने की जिज्ञासा को बढ़ा देते हैं इसलिए एक लेखक को पढना भी बेहद जरूरी होता हैं...
तो चलिए अब आपको मैं अपनी उस कहानी से आपको रूबरू कराए देता हूं...जिसके बारे में मैं आप से ज़िक्र कर रहा था..जो कहानी के साथ साथ स्क्रीन प्ले भी लिखें गए हैं... जिसमे आपको फ़िल्म की टेक्निकल जानकारी भी मिलेगी....
क्रमशः-2
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