इश्क़ में एक और मौत

चित्र
सारांश इश्क़ का परिणाम किसी के लिए सुखद होता हैं तो किसी के लिए दुःखद होता तो कोई सिर्फ राधा की तरह इश्क़ करता हैं... इस कहानी की शुरुआत एक यंग लडके सें होती हैं जो जवानी के दौर में अपने सपने साकार करने मुंबई की फ़िल्म इंडस्ट्री में जाता हैं काफ़ी स्ट्रेगल के बाद उसे फ़िल्म इंडस्ट्री की नामचीन हीरोइन के प्रोडक्शन हॉउस में असोसिएट डाइरेक्टर की नौकरी मिल जाती हैं और फिर इश्क़ की कहानी की शुरुआत होती हैं इस कहानी में कैसे होता हैं इश्क़ का इज़हार और क्यों होती हैं तकरार... अंत में लडके को हीरोइन की चिता क्यों जलानी पड़ती हैं कैसे इश्क़ की मौत होती हैं इन्ही सब बातों को जानने के लिए पढ़िए शब्द.In पर इश्क़ में एक और मौत...! में.. 🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️ # इश्क़ में एक और मौत मैने मेकअप रूम के दरवाजे को नॉक किया था, कि तभी अंदर से लीना मेम की आवाज़ आई.... कौन हैं....? मेम मैं सुमित.... आपको सीन समझाने आया हूं मेम.... ! ओह सुमित अंदर आ जाओ डोर खुला हैं... जी मेम.... इतना कहते ही मै दरवाजे को धकेलता हुआ अंदर दाखिल हो गया था... रूम तक पहुंचने के लिए एक 5×3 की गैलरी थी जिसके आगे चल

बातों बातों में फ़िल्म स्क्रिप्ट राइटिंग सीखें....? पार्ट-2


# write org _Mum/1998/3046/motenpictor/reg /31/12/2020



1. पहले स्टोरी को ध्यान से पढ़े

2. कैरेक्टर की लिस्ट बनाये
3. लोकेसन की लिस्ट बनाये
4. कसट्यूम का सीन के हिसाब से चयन करें
5. डॉ. की कस्टिंग मेचूअर्ड रखें
6. मुकुंद का करेक्टर सेबक की तरह होगा
7. सीन की गति और इमोशनल का ध्यान रखें
8. कॉन्सेप्ट, स्टोरी, स्क्रीन प्ले बाय deepak bundela
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वेलेंटाइन गिफ्ट

सीन नम्बर- 1
समय -शाम का

(बेक ग्राउंड में गिटार बजने की मार्मिक धुन सुनाई दे रही हैं)

स्क्रीन पर शहर का बड़ा हॉस्पिटल, शाम का समय हैं

कट टू

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सीन नम्बर- 2
समय-शाम का
आर्टिस्ट - एक महिला (उम्र लगभग 23-24 वर्ष नाम रीटा )

(बेक ग्राउंड में गिटार बजने की मार्मिक धुन सुनाई दे रही हैं)

हॉस्पिटल परिसर की कोई एक जगह स्क्रीन पर एक महिला का कान दिखाई देता हैं...जिसके कानो में गिटार की धुन सुनाई दे रही हैं.. उसके कान धुन सुन कर एलार्ट होते हैं..

कट टू...

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सीन नम्बर -3
समय - शाम का
आर्टिस्ट - रीटा

(बेक ग्राउंड में गिटार बजने की मार्मिक धुन सुनाई दे रही हैं)

नोट - मास्टर शॉट

गिटार की धुन सुन कर रीटा को कुछ याद आता हैं जिसे सुन कर वो बेचैन हो उठती हैं और सुनाई आ रही धुन की तरफ ढूंढते हुए उस बढ़ती हैं..उसे कुछ समझ नहीं आता तो गेलेरी में खडे एक वार्ड बॉय से पूछती हैं..

रीटा- ये म्यूजिक कहां बज रहा हैं..?

वार्ड बॉय - वो उधर गार्डन में मैडम

रीटा गार्डन की तरफ जाती हैं....

कट टू....

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सीन नम्बर-4

समय-शाम का

आर्टिस्ट- रीटा और रोहन (रोहन उम्र -27 वर्ष )

रीटा गार्डन में तेज क़दमों से ढूंढती हुई आती हैं सामने ही एक पेड के पास बैठा रोहन गिटार बजा रहा हैं...

नोट - ये शॉट रीटा के सिजेसन से लिया जाए रीटा रोहन के कुछ कदम दूर पीछे को रूकती हैं रोहन गिटार बजाने में मगन हैं..

कट टू....

सीन नम्बर -5
समय -शाम का
आर्टिस्ट- रीटा और रोहन

(नोट-रोहन का करेक्टर खुली आंखो वाला अंधा हैं )

(बेक ग्राउंड में गिटार बजने की मार्मिक धुन सुनाई दे रही हैं)

रोहन के सिजेसन से दिखाते हैं कि रोहन गिटार बजाने में मगन हैं पीछे रीटा जो दूर को ख़डी हैं.. वो रोहन के पास धीरे धीरे क़दमों से रोहन की तरफ बढ़ती हैं... रोहन गिटार बजा रहा हैं...रीटा हौले हौले कदम से रोहन के पास आती हैं...रोहन एक दम से गिटार बजाना बंद कर देता हैं उसे कुछ महक (खुशबू ) का एहसास होता हैं..

रोहन - रीटा....?

वो हाथो को अपने सामने इस तरह हिलता हैं जैसे वो किसी को पकड़ना चाहता हो..

इंटर कट रीटा- रीटा का शक्त चेहरा थोड़ा सॉफ्ट होता हैं...

रोहन हवा में अपने हाथ मार कर रह जाता हैं..

रोहन- मैं तुम्हे कैसे भूलू रीटा... तुम्हारी महक तुम्हारा एहसास मुझे जीने नहीं देता...जैसे जैसे दिन करीब आते जा रहें हैं वैसे वैसे तुम्हारा वहम भी अब मुझे हक़ीक़त सा लगने लगा हैं...

रोहन खड़ा होता हैं अपना गिटार लेता हैं और छड़ी के सहारे रीटा के पास से होकर निकलता हैं.. उसे फिर रीटा के होने का गहरी महक का एहसास होता हैं

(रोहन का वॉइस ओवर) रोहन मन ही मन बोलता हैं

रोहन- तुम यही हो रीटा मेरे आसपास तुम यही हो...

रोहन थोड़ा मुस्कुराता हैं और अपनी छड़ी के सहारे आगे को निकल जाता हैं..

कट टू...

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सीन नबर-6
समय-शाम का
आर्टिस्ट- रीटा

कैमरा पोजीसन चेंज होंगी जहां रोहन बैठा था उसी स्पॉट से कुछ दूरी पर कैमरा लो पोजीसन से रीटा को कवर करेगा

रीटा अपने आंसुओं को रोक नहीं पाती हैं... और सिसकते हुए रोहन के बैठे हुई जगह के पास आती हैं और बैठती हैं और उस जगह को अपने हाथ को फेरते हुए महसूस करती हैं..

कैमरा रीटा के फेस पर ज़ूम इन होता हैं... मानो रीटा कुछ सोच में पढ़ गई हो

कट टू डिजोल्ब

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फलेशबैक सीन

सीन नम्बर - 7
समय- दिन का समय
आर्टिस्ट -रीटा और रोहन
लोकेसन - रेस्टोरेंट

आज रीटा और रोहन बेहद खुश हैं..

रोहन - चलो कमसे कम आज के दिन तो तुम्हारे घर वाले हम दोनों की शादी के लिए राज़ी तो हो गए..

रीटा - ये गिफ्ट हैं आज के वेलेंटाइन का वो भी मेरी तरफ से समझें.....कल टाइम पर घर आ जाना मा बाबा से मिलने..

रोहन रीटा के हांथ अपने हाथों में थामते हुए बोलता हैं...

रोहन कैसी बात कर रही हो रीटा..तुम यकीन करो मैं तुम्हे ऐसा गिफ्ट दूंगा के तुम भी याद करोगी...

रीटा -हां हां ठीक हैं पिछले पांच साल से यही सुनती आ रही हूं... और हां वो मैं नहीं हूं जो तुम्हारा इंतज़ार हमेशा की तरह कर लूं... वो मा बाबा हैं.

रोहन - तुम कहो तो अभी चला जाऊं...

रीटा - मज़ाक़ छोड़ो रोहन..चलोना आज बनवारी के यहां की रबड़ी खाते हैं..

रोहन - अभी... बनवारी रबड़ी की रबड़ी...?... रिटू मैं क्या सोच रहा हूं..

रीटा - अब कोई बहाना नहीं...अब चुप चाप उठो और चलो...

रीटा हेंड बेग से पैसे निकलती हैं और और उठ कर केश काउंटर की तरफ जाती हैं

रोहन जल्दी से अपने कप की कॉफी पीता हैं और उठ कर रीटा के पास जाता हैं

कट टू

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सीन नंबर -8
समय दिन का
आर्टिस्ट - रोहन और रीटा

सडक के किनारे रोहन बाइक रोकता हैं...

रीटा - यहां क्यों रोक दी तुमने गाड़ी..

रोहन - अब जाना अपने को इसी रास्ते से सीधा हैं कितना आगे से जाकर गाड़ी घुमा कर लानी पड़ेगी... तुम यही रुको मैं यू गया और यूं आया

रीटा गाड़ी से उतरती हैं रोहन भी गाड़ी का साइड स्टेण्ड लगते हुए उतरता हैं.. और रोड क्रास करते हुए सडक के दूसरी तरफ जाता हैं रीटा उसे खुश होकर जाते हुए देखती हैं...

गाड़िया रोड के दोनों तरफ से आ जा रही हैं...

रीटा के पॉइंट ऑफ़ व्यू से दिखाते हैं कि रोहन हाथ मे पार्सल लेता हैं और पैसे देता हैं... और पलट कर रीटा को देखता हैं और रीटा के पास सडक क्रॉस करके मस्ती करता हुआ आता हैं

रीटा रोहन की मस्ती देखते हुए हंस रही हैं.... तभी उसकी हंसी एकदम चीख में बदल जाती हैं

रीटा - रोहन..S... S.... S.... S....

कट टू....

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फलेश बैक खतम

सीन नम्बर -9 (सीन -6 की कंटिन्यूटी में )
समय -शाम का समय
आर्टिस्ट -रीटा
लोकेसन - गार्डन

रीटा की सिसकियाँ चालू हो जाती हैं....

रीटा - मुझे माफ़ कर दो रोहन... मुझे माफ़ कर दो..

तभी वो एकदम से उस दिशा में देखती हैं जहां को रोहन गया था... वो अपने आसुओं को पोछते हुए उठती हैं और उस दिशा में जाती हैं...

कट टू

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सीन नम्बर -10
समय -शाम का
आर्टिस्ट- रोहन

रोहन अपनी छड़ी के सहारे बरामदे से होता हुआ जा रहा हैं उसके पीछे पीछे रिया भी हैं रोहन अपने वार्ड में चला जाता हैं.

(नोट-ये वार्ड सेपरेट मरीजों का जो होता हैं इस तरह का हम वार्ड दिखा सकते हैं...

कट टू

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सीन नम्बर-11
समय- शाम का बढ़ता हुआ
आर्टिस्ट-रोहन और रीटा

कैमरा रोहन के वार्ड में अंदर इस तरह लगेगा कि रोहन के रूम का आधा खुला दरवाज़ा भी दिखे..

रोहन कमरे में आता हैं और अपना गिटार दीवाल पर टांगता हैं.. तभी दरवाज़े पर रीटा आ जाती हैं जो रोहन को देखती हैं

रोहन कैमरे के सिजेसन के सामने रखी टेबल के पास आकर टेबल पर जेब से निकाल कर कुछ सामान फोन और पर्स रखता हैं

(नोट - रोहन का मिड शॉट और बैक सिजेसन में रीटा दरवाजे पर ख़डी हैं )

रोहन -(वॉइस ओवर ) यक़ीनन रीटा तुम मेरे आस पास ही हो...पर क्यों हो...?

और पलट कर अपने वार्ड का दरवाज़ा लगाने के लिए जाता हैं...

रोहन को आता देख रीटा एकतरफ को दीवाल से सट कर ख़डी हो जाती हैं..

कट टू

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सीन नम्बर -12
समय -सीन 8 की कंटिन्यूटी में
आर्टिस्ट- रोहन और रीटा

कैमरा पोजीसन चेंज रोहन के वार्ड के बहार साइड हैं मिड मास्टर शॉट

रोहन दरवाज़े के पास आता हैं और थोड़ा बाहर को निकाल कर दाये बाये सिर हिला कर महसूस करता... रीटा एक तरफ दीवाल से एकदम चुप ख़डी हैं... रोहन रिया की तरफ को अपना सिर करता हैं... और हसता हैं..और अंदर होकर वार्ड के दरवाजे बंद कर लेता हैं..

रीटा असहाय सी दीवार से सटी ख़डी रह जाती हैं..

तभी एक वार्ड बॉय आ कर रीटा से पूछता हैं...

वार्ड बॉय - किससे मिलना हैं आपको..?

रीटा - किसी से नहीं... म मुझे उस तरफ जाना था गलती से आ गई थी.. सॉरी...

और रीटा वहां से निकल जाती हैं.

कट टू

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सीन नम्बर -13
समय - दिन का समय
लोकेसन - रोहन का कमरा
आर्टिस्ट - रोहन और केयर टेकर मुकुंद

रोहन बेड पर लेटा हुआ हैं...मुकुंद दूसरे बेड पर लेटा बुक पढ़ रहा हैं

रोहन- कल 3 तारीख हैं ना मुकुंद..?

मुकुंद - हा भईया कल 3 जानबरी हैं... क्यों क्या हुआ भईया...?

रोहन - कुछ नहीं ऐसे ही ज़रा मेरा ब्लैक फाइल फोल्डर निकाल कर दोगे..

मुकुंद फ़ौरन उठते हुए

मुकुंद- हा भईया एक मिनट अभी देता हूं

और मुकुंद बेग मेसे फाइल फोल्डर निकलता हैं और रोहन को लाकर देता हैं

मुकुंद - ये लो भईया

रोहन मुकुंद से फाइल लेता हैं उसे खोलता हैं 4पेज फोल्डर पलट कर 5वे फोल्डर से एक शादी का कार्ड निकलता हैं.. मुकुंद चुपचाप खड़ा देख रहा हैं
रोहन शादी के कार्ड को सहला कर महसूस करता हैं.. और खयलों में डूब जाता हैं

कट टू सीज़ॉल्व

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फलेश बैक

सीन नम्बर -14
समय - दिन का समय
आर्टिस्ट - रोहन
लोकेसन - अपने घर के कमरे में

रोहन बेड पर बैठा हैं और गिटार बजा रहा हैं तभी उसका दोस्त नीलेश आता हैं रोहन को किसी के आने की आहट होती हैं तो वो गिटार बजाना एकदम बंद कर देता हैं

रोहन - कौन...? निलेश

नीलेश चुप चाप रोहन के पास बैठता हैं

रोहन- क्या बात हैं यार आज तू कुछ उदास हैं

नीलेश पेट के पास के शर्ट का एक बटन खोल कर वहां से छिपाया हुआ एक शादी का कार्ड निकलता हैं और रोहन के हाथ में रख देता हैं

रोहन- (कार्ड को टोलते हुए पूछता हैं) ये क्या हैं यार...?

रोहन -किसकी शादी का कार्ड हैं यार... तू ही बता ना

नीलेश चुप रहता हैं

रोहन - अच्छा साले तूने बताया भी नहीं सीधे अपनी शादी का कार्ड मेरे हांथो में रख दिया

नीलेश- खीजते हुए... मज़ाक बंद कर यार... ये..

नीलेश चुप हो जाता हैं

रोहन - चुप क्यों हो गया यार बोलना ये क्या..
?

नीलेश- (रोहन का हाथ थामते हुए ) ये रीटा की शादी का कार्ड हैं...

कमरे में सन्नाटा सा छा जाता हैं कुछ देर बाद रोहन पूछता हैं

रोहन- कब हैं रीटा की शादी..?

नीलेश- कल..?

रितेश - वेरी गुड़... चलो अच्छा ही हैं... इसमें इतना क्या सोचना उसने जो भी निर्णय लिया ठीक ही लिया... बेचारी सारी उम्र मेरा बोझ ढोती...

नीलेश रोहन को देखता हैं रोहन की आंखो से आंसू गिरने लगते हैं नीलेश रोहन से लिपट जाता हैं..

नीलेश- यार कल तेरा बर्थडे भी हैं

रोहन- आजके बाद अब कभी भी मैं अपना बर्थडे नहीं मनाऊंगा नीलेश

नीलेश- मैं क्या करू मेरे दोस्त तेरे लिए...? तुं बोल तो...

रोहन - नहीं मेरे दोस्त हम करने को बहुत कुछ कर सकते हैं.. लेकिन उस ऊपर वाले को मंजूर नहीं अब जो भी होगा उसकी मर्ज़ी से होगा...

और दोनों एक दूसरे को दिलाशा देते हैं..

कट टू
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फ्लेश बैक आउट

सीन नम्बर -15(सीन 13 के कंटिन्यूटी मे )
समय - शाम का
लोकेसन -रोहन का अस्पताल का रूम
आर्टिस्ट - मुकुंद और रोहन

रोहन की आंखे नम हो जाती हैं... रोहन अपनी हथेलियों से अपने आंसू पोछता हैं...और शादी का कार्ड फोल्डर मे रखते हुए कहता हैं

रोहन - मुकुंद कल तुम हॉस्पिटल के एडमिट डिपार्टमेंट के ऑफिस में पता करो कि कोई रीटा वर्मा नाम की कोई पेसेंट एडमिट हुई हैं क्या उनके हसबेंड का नाम मयंक वर्मा हैं थोड़ा कॉन्फिडेंसली हैं ये मामला

मुकुंद- जी भईया कल सुबह पता लग जाएगा... लाओ ये फाइल बेग में रख दूं...

रोहन - नहीं रहने दो अभी इसे मेरे पास... अच्छा टाइम क्या हो रहा हैं...

मुकुंद -8 बजने वाले हैं भईया जी

रोहन - लेटते हुए खाना भी आता ही होगा अभी

मुकुंद - हा भईया मैं जबतक पीने का पानी ले आता हूं

रोहन-हां ठीक हैं..

और मुकुंद पानी की बोतल उठा कर बाहर जानें केलिए दरवाज़े की तरफ चला जाता हैं

कैमरा लेटे हुए रोहन के फेस पर ज़ूम इन होता हैं

कट टू...

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दूसरा दिन
सीन नम्बर-16
समय -दिन के लगभग 11बजे का
आर्टिस्ट -रीटा और गेट कीपर
लोकेसन - हॉस्पिटल का प्रिवेट वार्ड का केम्पस

रीटा मेन गेट पर ख़डी हैं और गार्ड से बात कर रही हैं.

गार्ड - मैडम जी ये प्राइवेट वार्ड हैं... मैं इस बारे में आपको कोई भी जानकारी नहीं दे सकता जबतक पेसेंट या पेसेंट के घर वाले नहीं कहते.

रीटा - अच्छा आप इतना तो बता सकते हैं क्या यहां कोई रोहन मखीजा नाम का कौन हैं...

गार्ड - ऐसे हम किसी रोहन मखीजा को नहीं जानते.. आप जाइये मैं आपकी कोई मदद नहीं कर सकता यहां के रूल बहुत अलग हैं प्लीस मेम...

रीटा असहाय हो कर रह जाती हैं

कट टू...

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सीन नम्बर -17
समय - दिन के 12 बजे का
आर्टिस्ट -रोहन और मुकुंद
लोकेसन -रोहन का रूम

रोहन को मुकुंद के आने का इंतज़ार हैं.. तभी रूम का दरवाजा खुलता हैं मुकुंद अंदर आता हैं.

रोहन - जानकारी मिली..?

मुकुंद रोहन के पास आ कर

मुकुंद - हा भईया जी सारी डिटेल ले आया हूं..आपका शक सही हैं भईया मयंक वर्मा नाम का आदमी न्यूरो वार्ड में एडमिट हैं उसकी एक किडनी खराब हो चुकी हैं दूसरी भी डेमेज होने की कगार पर हैं डायलसिस पर हैं वो अभी भईया रीटा वर्मा उसकी वाइफ हैं भईया...

रोहन कुछ सोचता हैं....

रोहन - ठीक हैं अभी दोपहर के बाद जाना और आर्गेन डोनेसन डिपार्टमेंट से एक फॉर्म लेते आना

मुकुंद-जी भईया

रोहन -अभी जाकर डॉ खन्ना से कहो सिर में आज दर्द बहुत हो रहा हैं..

मुकुंद- जी भईया

और मुकुंद चला जाता हैं..

कट टू

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सीन नम्बर -18
समय - शाम का समय हैं
आर्टिस्ट रीटा

शाम हो चली हैं रीटा हॉस्पिटल के परिवेश की गेलरी में घूम रही हैं.. उसे आज फिर उस धुन का इंतज़ार हैं... वो कुछ सोचते हुए एक पिलर से टिक कर ख़डी हो जाती हैं और सोच में डूब जाती हैं...

डीज़ॉल्व आउट

कट टू

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डीज़ॉल्व इन

सीन नम्बर -19
समय - दिन का
आर्टिस्ट -रोहन और रीटा
लोकेसन-कोई भी जो सुन्दर हो (सीन फ्रेम अच्छा बनाये )

रोहन गिटार प्ले कर रहा हैं और रीटा अपनी आंखे बंद करके बैठ कर सुन रही हैं..

नोट - लोग मास्टर शॉट / मिड मास्टर शॉट / ज़ूम इन शॉट फॉर रोहन का गिटार बजाते हुए / ज़ूम इन शॉट रीटा का गिटार सुनते हुए / क्लोज़ शॉट रोहन गिटार बजाने में मगन हैं /क्लोज शॉट रीटा आंखे बंद किए हुए गिटार सुन रही हैं

(नोट-यहां हमें रीटा के फेस पर रीटा का वो फेस पेच करना हैं जहां सीन नम्बर 18 में रीटा ख़डी सोच रही हैं यहां फ्लेसंबैक आउट होगा)

कैमरा रीटा के फेस से ज़ूम बेक होगा रीटा आंखे बंद करके ख़डी हैं मानो वो अभी भी वही उस वादियों में रोहन के साथ हैं कैमरा ज़ूम बेक तो मिड मास्टर शॉट सिजेसन में हॉस्पिटल कर्मचारी खड़ा हैं

कर्मचारी- मैडम जी... मैडम जी...

कर्मचारी की आवाज़ सुनते ही रीटा की तंदरता टूटती हैं वो आंखे खोलती हैं

रीटा- जी..?

कर्मचारी - मेडम ये इंग्लिशजेक्शन लाने हैं...

और वो पर्चा देकर चला जाता हैं...

रीटा कुछ पल वही रुकी रहती हैं और फिर लम्बी सांस भरते हुए केमिस्ट की शॉप की तरफ चली जाती हैं...

कट टू....

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आफ्टर 10 डे

सीन नम्बर -20
समय -रात का
आर्टिस्ट - रोहन, मुकुंद, डॉ और एक वार्ड बॉय

रोहन के रूम में अफरा तफरी मची हैं... रोहन अचेत बेड पर पड़ा हुआ हैं डॉ. रोहन के पास खडा उसकी पल्स चेक कर रहें हैं..

डॉ. - (मुकुंद से ) इनकी प्लस बहुत कम आ रही हैं इन्हे जल्दी आइसीयू में सिफ्ट करना पड़ेगा (डॉ. वार्ड बॉय से) पेसेंट को जल्दी आइसीयू में शिफ्ट करो...

इतना सुनते ही वार्ड बॉय जल्दी से बाहर जाता हैं तभी रोहन में थोड़ी चेतना लौटती हैं

रोहन- मुकुंद

मुकुंद- जी भईया.. आपको कुछ नहीं होगा डॉ सहाब आ गए हैं..

रोहन डॉ. को देख थोड़ी स्माइल करता हैं

रोहन- अब इससे ज्यादा क्या होगा इसका अंतिम सफर मौत ही हैं, क्यों डॉ. सहाब...?

डॉ रोहन को इशारे से चुप रहने को कहते हैं

रोहन- इसमें इतना क्या घवराना सब को जाना हैं किसी ना किसी कारण से... मेरे जाने का भी शायद यही कारण हो... हे ईश्वर कुछ दिन और रहने दे किसी को दिया हुआ वादा पूरा कर सकूं...

मुकुंद- देखा डॉ. भईया जी कुछ दिनों से ऐसी ही बहकी बहकी बातें कर रहें हैं आप समझाइए ना इन्हे...

रोहन फिर मुस्कुराता हैं और फिर अचेत सा हो जाता हैं

कट टू...

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30 दिन बाद

सीन नम्बर -21
समय - सुबह के 11 बजे हैं
आर्टिस्ट- डॉ. त्रिपाठी और रीटा
लोकेसन- डॉ. का चेम्बर

रीटा कुछ पेपरो पर साइन करती हैं..
रीटा - आपका शुक्रिया किन शब्दों से करू डॉ. मैंने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी... मैं उस इंसान के घर वालों से मिलना चाहती हूं..वो इंसान नहीं देवता हैं वो

डॉ. - पहले आपके हसबेंड की किडनीया ट्रांसप्लांट हो जानें दो वक़्त आने पर सब पता चल जाएगा..

डॉ. अपनी चेयर से उठता हैं... रीटा भी ख़डी होती हैं डॉ. पेपर्स की फाइल उठता हैं और दोनों केविन के बाहार निकाल जाते हैं

कट टू...

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टाइम लेप्स सीन
नोट - (लगभग 18-19 घंटे का टाइम लेप्स दिखाना हैं)

सीन नम्बर-22
आर्टिस्ट - रीटा
लोकेसन-ऑपरेशन थिएटर आउट साइड

रीटा कभी ख़डी हैं, कभी टहल रही हैं

19 घंटे बाद ऑपरेशन थिएटर से डॉ. त्रिपाठी बहार आते हैं सामने दूर बैठी रीटा जल्दी से डॉ के पास आती हैं डॉ अपने चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेरते हुए कहता

डॉ. - ऑपरेशन इस सुक्सेस...

रीटा- थेंक्यू डॉ.

डॉ. मैंने तो अपनी ड्यूटी निभाई हैं धन्यवाद उस इंसान का और ईश्वर का करो जिसकी वजह से आपके हसबेंड को नई ज़िन्दगी मिली हैं..

रीटा- क्या मैं अपने हसबेंड को देख सकती हूं...?

डॉ. अभी नहीं 24 घंटे बाद ही आप उन्हें दूर से देख सकती हैं... ओके टेक केयर..

इतना कह कर डॉ. वहां से चला जाता हैं... रीटा अपने दोनों हाथ जोड़ कर ईश्वर का धन्यवाद करती हैं जैसे ही अपनी आंखे खोलती हैं तो उसके सामने मुकुंद खड़ा हैं..उसके हाथ में एक एंवलप हैं

मुकुंद- (दोनों हाथ जोड़ कर) नमस्ते..मेडम..!

रिया- जी नमस्ते..... लेकिन मैंने आपको पहचाना नहीं..?

मुकुंद एंवलप देते हुए

मुकुंद- ये रोहन भईया ने आपको देने को कहां था.

रीटा एंवलप लेते हुए

रीटा- क्या हैं इसमें...?

मुकुंद- ये तो मुझे नहीं पता आप खुद देख लीजिए.. अच्छा नमस्ते मैं चलता हूं

और मुकुंद वहां से चला जाता हैं रीटा एंवलप को खोलती हुई सामने लगी चेयर पर बैठ जाती हैं एंवलप से एक पेपर निकलता हैं रीटा उसे खोल कर देखती हैं..

पत्र

हैप्पी वेलेंटाइन डे रीटा
अब मत कहना के मैंने तुम्हे गिफ्ट नहीं दिया
मयंक का ख्याल रखना और हां अपना भी.

अलबिदा...

रोहन

रीटा के मुंह से आह निकाल जाती हैं उसे समझ नहीं आता के वो क्या करें. उसकी आंखो से आंसू गिरने लगते हैं..
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हैप्पी वेलेंटाइन डे गिफ्ट

समाप्त
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1. पहले स्टोरी को ध्यान से पढ़े
2. कैरेक्टर की लिस्ट बनाये
3. लोकेसन की लिस्ट बनाये
4. कसट्यूम का सीन के हिसाब से चयन करें
5. डॉ. की कस्टिंग मेचूअर्ड रखें
6. मुकुंद का करेक्टर सेबक की तरह होगा
7. सीन की गति और इमोशनल का ध्यान रखें
8. कॉन्सेप्ट, स्टोरी, स्क्रीन प्ले बाय

deepak bundela
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# write org _Mum/1998/3046/motenpictor/reg /31/12/2020
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क्रमशः-3

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