इश्क़ में एक और मौत

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सारांश इश्क़ का परिणाम किसी के लिए सुखद होता हैं तो किसी के लिए दुःखद होता तो कोई सिर्फ राधा की तरह इश्क़ करता हैं... इस कहानी की शुरुआत एक यंग लडके सें होती हैं जो जवानी के दौर में अपने सपने साकार करने मुंबई की फ़िल्म इंडस्ट्री में जाता हैं काफ़ी स्ट्रेगल के बाद उसे फ़िल्म इंडस्ट्री की नामचीन हीरोइन के प्रोडक्शन हॉउस में असोसिएट डाइरेक्टर की नौकरी मिल जाती हैं और फिर इश्क़ की कहानी की शुरुआत होती हैं इस कहानी में कैसे होता हैं इश्क़ का इज़हार और क्यों होती हैं तकरार... अंत में लडके को हीरोइन की चिता क्यों जलानी पड़ती हैं कैसे इश्क़ की मौत होती हैं इन्ही सब बातों को जानने के लिए पढ़िए शब्द.In पर इश्क़ में एक और मौत...! में.. 🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️ # इश्क़ में एक और मौत मैने मेकअप रूम के दरवाजे को नॉक किया था, कि तभी अंदर से लीना मेम की आवाज़ आई.... कौन हैं....? मेम मैं सुमित.... आपको सीन समझाने आया हूं मेम.... ! ओह सुमित अंदर आ जाओ डोर खुला हैं... जी मेम.... इतना कहते ही मै दरवाजे को धकेलता हुआ अंदर दाखिल हो गया था... रूम तक पहुंचने के लिए एक 5×3 की गैलरी थी जिसके आगे चल

कैसे लिखें...?

किताब कैसे लिखें?

यह विचार जब आपके मन में आए उससे पहले आपको किताब लिखने से जुड़े कई और भी जरूरी विचारों पर गौर करना बेहद आवश्यक होता है। 

किताब कैसे लिखे?|

 किताब लिखने से पहले इन सवालों पर विचार करें 

 किताब क्यों लिखना चाहते हैं?

क्या किताब लिख कर ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है?

क्या किताब लिखने से प्रसिद्धि हासिल कर सकते हैं?

क्या आप एक किताब लिख सकते हैं?

आप किस विषय पर किताब लिख सकते हैं?

एक सफल किताब कैसे लिखते हैं?

एक किताब का लिखना कितना मुश्किल और आसान हो सकता है यह आपकी लेखन कला में पारंगत निर्धारित करता है... यह बेहद आसान कार्य है और आपको पता भी नहीं चलता कि कब आपने एक किताब लिख ली..यह उनके साथ होता है जो लिखते के साथ साथ उसी में जीते हैं... उन्हें पता नहीं चलता वह लिख रहे थे या अपने विचारों की नाव में सवार हैं...

किताब को लिखना उतना ही मुश्किल उन के लिए है जिन्हें इसके लिए सोचना पड़ता है और काफी जोर लगाकर भी वह एक किताब को पूरा करने के निकट नहीं पहुँचते यह कोई कार्य नहीं है... इसका कोई लक्ष्य नहीं है किताब लिखना एक सफर है.. जो कभी खत्म होने वाला नहीं है..

 एक समर्पण भाव होने की आवश्यकता है। 

किताब लिखने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह बनता है कि क्या आप किताबें पढ़ते है? क्या आप पढ़ने के जिज्ञासु है यदि है तो ही यह कार्य आपके लिए है मुश्किल नहीं है...

किताब लिखने के लिए प्रेरणा आपको किताबें पढ़कर ही मिलेगी....

अब बात मन में ये आती हैं मूल रचना की


 जो भी आप लिख रहें हैं वो आपका ही हैं कही ऐसा तो नहीं मैं जो लिख रहा हूं कॉपी कहलाये... ये सवाल भी मन में आता हैं... तो इस बारे में मैं साफ साफ संदर्भित कर देता हूं इस दुनियां में जितने भी लेखक हैं सब किसी ना किसी से प्रेरित हैं कोई बगैर प्रेरित होकर लिख ही नहीं सकता कोई अपने हालातों से प्रेरित होकर लिखता हैं, कोई अत्याचार से प्रेरित होकर लिखता हैं... तो जबतक आप प्रेरित नहीं होंगे आपकी ये लिखने की यात्रा कभी भी पूरी नहीं हों सकेगी...

आपको बता दूं कि भारतवर्ष में सिर्फ दो ही मौलिक रचनाएं हैं, वाल्मीकि की रामायण और वेद व्यास की महाभारत. इसके अलावा जो कुछ भी लिखा गया है सब घूम-फिर के इन्हीं दो महाग्रंथों से प्रेरित है. क्योंकि लिखने का कोई दूसरा तरीक़ा है ही नहीं. आपसे पहले जो लिखा जा चुका है, वही तय करता है कि आप क्या लिखेंगे. हमारे शास्त्रों में इसी को ऋषि-ऋण कहा जाता है....


लिखना और लिखना कुछ भी लिखना कविता, गज़ल शेर शायरी आदि आदि 

कविता बहुत बारीकी का काम है. कविता की रचना-प्रक्रिया समझने के लिए भी खुदको कवि होना पड़ता है. जो भाव, या अभिव्यक्तियां पब्लिक डोमेन में हों, उनपर कोई भी लेखक अपनी तरह से लिख सकता है.जैसे ‘वन्दे-मातरम’ बंकिम चंद्र जी की रचना है, लेकिन इतनी प्रसिद्ध हुई कि पब्लिक डोमेन में आ गयी. जब AR रहमान ‘मां तुझे सलाम’ जैसा बेहतरीन गीत बनाते हैं तो हुक लाइन में ‘वन्दे मातरम‘ का सीधा अनुवाद कर लिया जाता हैं, ‘वन्दे-मातरम‘ यानी, ‘मां तुझे सलाम‘. गीत के लेखक में कहीं बंकिम जी का नाम नहीं दिया जाता और वो ज़रूरी भी नहीं है क्योंकि ‘वन्दे-मातरम‘ पब्लिक डोमेन में है. कबीर की रचना , ‘मेरी चुनरी में परी गयो दाग़ पिया‘ फ़िल्मों में आके, ‘लागा चुनरी में दाग़‘ बन जाता है और गीतकार में ‘साहिर‘ का नाम होता है कबीर का नहीं, क्योंकि कबीर की रचना पब्लिक डोमेन में जा चुकी है.ऐसे ही दुनिया भर में हैं, जो जैसा चाहे अपना ले. बस आप उसे कैसे पेश करना चाहतें हैं ये आप पर निर्भर करता हैं...

तो इसी के साथ आप भी अपनी यात्रा शुरू करें अपने लेखन और रचनाओं को मूल से मौलिक बनाने के लिए एक अच्छे लेखन की शुरुआत करें...

शुभकामनायें 🌺

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