संदेश

नवंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

इश्क़ में एक और मौत

चित्र
सारांश इश्क़ का परिणाम किसी के लिए सुखद होता हैं तो किसी के लिए दुःखद होता तो कोई सिर्फ राधा की तरह इश्क़ करता हैं... इस कहानी की शुरुआत एक यंग लडके सें होती हैं जो जवानी के दौर में अपने सपने साकार करने मुंबई की फ़िल्म इंडस्ट्री में जाता हैं काफ़ी स्ट्रेगल के बाद उसे फ़िल्म इंडस्ट्री की नामचीन हीरोइन के प्रोडक्शन हॉउस में असोसिएट डाइरेक्टर की नौकरी मिल जाती हैं और फिर इश्क़ की कहानी की शुरुआत होती हैं इस कहानी में कैसे होता हैं इश्क़ का इज़हार और क्यों होती हैं तकरार... अंत में लडके को हीरोइन की चिता क्यों जलानी पड़ती हैं कैसे इश्क़ की मौत होती हैं इन्ही सब बातों को जानने के लिए पढ़िए शब्द.In पर इश्क़ में एक और मौत...! में.. 🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️ # इश्क़ में एक और मौत मैने मेकअप रूम के दरवाजे को नॉक किया था, कि तभी अंदर से लीना मेम की आवाज़ आई.... कौन हैं....? मेम मैं सुमित.... आपको सीन समझाने आया हूं मेम.... ! ओह सुमित अंदर आ जाओ डोर खुला हैं... जी मेम.... इतना कहते ही मै दरवाजे को धकेलता हुआ अंदर दाखिल हो गया था... रूम तक पहुंचने के लिए एक 5×3 की गैलरी थी जिसके आगे चल

कोट्स-ए-दास्तां

चित्र
कोट्स (1 से 12) मिरि हर दास्तां में इश्क़ की आरजू तो पढ़ी होंगी...! काश कोई होता तो मोहब्बत भी यूं ही गढ़ी होती..!! हर नशेमन की आंखों में नशा इश्क़ का नहीं होता..! किसी में जख्मों का तो किसी में ज़िन्दगी का होता...!! इन गुलाम शायरों की इश्कगी, मायुशगी और तन्हाई भी देख लीजिए..! सिबाए इसके कौन रख सका हैं इन्हे गुलाम ज़मानगी से ही पूछ लीजिए..!! आए ना याद उनकी जो हमने हर तस्वीर उनकी हटा दी...! अब तन्हाईयां भी उनके बगैर बीरानी सी लगती हैं...!! मोहब्बत भी कल तक जो उनके होने तक जो ना थी...! आज उनके हर निशा ना होने से ये ज़िन्दगी भी बेगानी सी लगती हैं..!! हम लिख ना पाए मोहब्बत की दसिता ए जुबानी अपनी..! उनकी हर एहसास ए अदा हमें अब क्यूं कहानी सी लगती हैं...!! मिरे अल्फाज़ों का भी अपना ही इक हुनर हैं...! लिखता हूं खामोशियों में शोर सुनता पूरा शहर हैं...!! एक निमिष में जुड़ा था ये रिस्ता..! एक निमिष में टूट गया ये रिस्ता...!! अच्छा ही हुआ जो निकल गए वो आंसू भी जो याद में किसी की इन आंखों में ठहरे थे..!! मुदातो